PM विकास योजना: अल्पसंख्यक युवाओं के कौशल प्रशिक्षण हेतु निफ्टेम कुंडली PIA चयनित
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चार राज्यों के सात केंद्रों पर 2110 अल्पसंख्यक लाभार्थियों को खाद्य प्रसंस्करण, श्रीअन्न और बेकिंग से जुड़े प्रशिक्षण।
पीएम विकास योजना के तहत निफ्टेम कुंडली को पीआईए बनाकर अल्पसंख्यक युवाओं को रोजगारोन्मुख कौशल प्रशिक्षण देने की दिशा में बड़ा कदम।
Delhi/ अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने अल्पसंख्यक युवाओं के कौशल विकास और रोजगार सृजन की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान (निफ्टेम), कुंडली को “पीएम विकास” योजना के कार्यान्वयन के लिए परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी (PIA) के रूप में चयनित किया है। इस संबंध में 22 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में मंत्रालय और निफ्टेम के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।
पीएम विकास योजना का मुख्य उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों के युवाओं की क्षमता को निखारना, उन्हें बाजार की जरूरतों के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण देना और रोजगार अथवा स्वरोजगार के अवसर सुनिश्चित करना है। निफ्टेम कुंडली का चयन राष्ट्रीय महत्व के चुनिंदा संस्थानों में किया गया है, जिससे इस योजना के प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन की उम्मीद मजबूत हुई है।
इस परियोजना के तहत निफ्टेम कुंडली चार राज्यों झारखंड, बिहार, पंजाब और हरियाणा में सात प्रशिक्षण स्थलों पर अल्पसंख्यक समुदाय के कुल 2110 लाभार्थियों को प्रशिक्षित करेगा। प्रशिक्षण तीन प्रमुख श्रेणियों में दिया जाएगा, जिनमें बहु-कौशल तकनीशियन (खाद्य प्रसंस्करण), श्रीअन्न उत्पाद प्रसंस्करण और सहायक बेकिंग तकनीशियन शामिल हैं। इन पाठ्यक्रमों को इस तरह तैयार किया गया है कि प्रशिक्षण के बाद युवाओं को सीधे रोजगार या आजीविका के अवसर मिल सकें।
यह परियोजना एनसीवीईटी (राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद) द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रमों के माध्यम से संचालित की जाएगी, जो एनएसक्यूएफ (राष्ट्रीय कौशल योग्यता प्रारूप) के अनुरूप होंगे। प्रशिक्षण पूरा करने वाले लाभार्थियों को एमएसडीई/एनसीवीईटी से मान्यता प्राप्त संस्थानों का प्रमाणन मिलेगा, जिससे उनकी रोजगार क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
इसके अलावा, परियोजना के अंतर्गत प्रशिक्षित युवाओं को संगठित क्षेत्र में रोजगार के अवसरों से जोड़ने, बाजार संपर्क और ऋण सुविधा उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया जाएगा। इससे अल्पसंख्यक समुदायों को आर्थिक मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम के जनवरी 2026 में शुरू होने की संभावना है और इसे अल्पसंख्यक युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखा जा रहा है।